सीहोर। जिला जो कृषि उत्पादन के लिए जाना जाता है, इन दिनों किसानों की बेबसी का गवाह बन रहा है। बाजार में प्याज की कीमतों में आई भारी गिरावट से किसान ‘प्याज के आंसू’ बहाने को मजबूर हैं। अपनी पीड़ा को सरकार तक पहुंचाने के लिए ग्राम तोरणिया और आसपास के क्षेत्रों के किसानों ने एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया है।
किसानों ने अपने खेतों में उगाई प्याज की मालाएं बनाकर उन्हें गले में पहना और सडक़ों पर उतर आए। उन्होंने संदेश दिया कि यह प्याज अब मुनाफा नहीं, बल्कि किसानों के गले की फांसी बन गई है।
लागत भी नहीं निकल रही
समाजसेवी एमएस मेवाड़ा के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन में किसानों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से तत्काल भावांतर योजना में प्याज की खरीदी शुरू करने की मांग की। किसानों का कहना है कि इस समय बाजार में प्याज का भाव 10 रुपए प्रति कट्टी भी नहीं मिल रहा है। यानी खेत तैयार करने, बुवाई और कटाई की लागत तो दूर, उन्हें मजदूरी का खर्च भी अपनी जेब से भरना पड़ रहा है। किसान पहले ही अल्प वर्षा और बीमारी के कारण सोयाबीन की फसल गंवा चुके हैं और अब प्याज ने भी उन्हें घाटे में धकेलकर दोहरी मार दी है।
प्याज के ढेर पर रो पड़े बुजुर्ग किसान
विरोध प्रदर्शन के दौरान ग्राम तोरणिया के बुजुर्ग किसान मांगी लाल वर्मा प्याज के ढेर पर ही फूट फूट कर रो पड़े। उन्होंने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि जब पूरी फसल बर्बाद हो गई है, तो अब घर का खर्च कैसे चलेगा।
गौरतलब है कि कई किसान लागत न निकल पाने के कारण अपनी प्याज मंडियों, सडक़ों और गाँव के बाहर फेंककर विरोध जता रहे हैं। गांव के राधेश्याम वर्मा, शेर सिंह, अशोक सहित सैकड़ों किसानों ने प्याज की माला पहनकर सरकार से अपनी मजबूरी बताई।
इससे पहले भी एमएस मेवाड़ा के नेतृत्व में किसानों ने हसनाबाद में प्याज की मोटरसाइकिल रैली निकालकर भावांतर में खरीदी की मांग दोहराई थी। किसानों ने यह भी मांग की है कि जिन किसानों की प्याज सड़ गई या उन्हें फेंकनी पड़ी, उन्हें तत्काल आर्थिक सहायता दी जाए।


