राज्यसभा में भी गूंजा वीआईटी विवाद, सांसद ने मांगा ‘जीरो टॉलरेंस’ एक्शन

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सीहोर। कोठरी में स्थित वीआईटी विश्वविद्यालय में हाल ही में छात्रों की हिंसा और आगजनी का मामला अब देश के उच्च सदन राज्यसभा में गूंज गया है। राज्यसभा सदस्य अशोक सिंह ने इस घटना को एक गंभीर चेतावनी बताते हुए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने और खाद्य सुरक्षा मानकों पर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू करने की मांग की है।
सांसद अशोक सिंह ने सदन में सभापति दिनेश वर्मा की उपस्थिति में अपने वक्तव्य में कहा कि 25 नवंबर को हुई यह घटना संस्थानिक ढांचे की विफला को उजागर करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में स्वच्छ पानी और स्वच्छ भोजन न मिलने के कारण कई विद्यार्थी बीमार पड़ गए थे। उन्होंने कहा कि उच्च फीस वसूलने वाले ये संस्थान छात्रों की बुनियादी जरूरतों, जैसे स्वच्छ भोजन और पानी, के साथ समझौता कर रहे हैं।
तानाशाही रवैया
सांसद ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर तानाशाही रवैये का आरोप लगाया, जिसके कारण ऐसे मामले दबाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कैंटीन लाइसेंस के बाद भी नाममात्र की व्यवस्था का पालन होता है। उन्होंने मांग की कि खाद्य सुरक्षा उल्लंघनों को रोकने के लिए, कैंटीन की व्यवस्थाओं में तत्काल थर्ड पार्टी ऑडिट की आवश्यकता है और यह ऑडिट केवल कागजी कार्यवाही तक सीमित नहीं रहना चाहिए।
पारदर्शिता हो
सांसद अशोक सिंह ने सरकार से आग्रह किया कि वह जल की गुणवत्ता, भोजन सामग्री, कच्चे माल की सप्लाई चेन में पारदर्शिता सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि यह केवल सीहोर की घटना नहीं है, बल्कि इससे पहले तेलंगाना और राजस्थान में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने सरकार से इस गंभीर मामले का संज्ञान लेने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की अपील की है।