सीहोर। करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर के नेतृत्व में आगामी 21 दिसंबर को हरदा में होने वाले जन क्रांति न्याय आंदोलन को सफल बनाने के लिए तैयारी तेज हो गई है। इसी उद्देश्य को लेकर सर्व समाज को एकजुट करने और आंदोलन में शामिल होने का आह्वान करने के लिए जन क्रांति न्याय यात्रा निकाली जा रही है, जिसके तहत शनिवार को सीहोर तहसील की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में करणी सेना परिवार के जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह चौहान ने सभी पदाधिकारियों को संबोधित किया। आज रविवार को आष्टा और इछावर तहसील में भी बैठकें आयोजित की जाएंगी।
प्रमुख 21 सूत्रीय मांगें
प्रशासनिक एवं कानून संबंधी मांगें
हरदा लाठीचार्ज पर कार्रवाई: 12-13 जुलाई के हरदा लाठीचार्ज की न्यायिक जांच हो, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो और आंदोलनकारियों पर दर्ज झूठे प्रकरण वापस लिए जाएं।
एससी/एसटी एक्ट में बदलाव: बिना जांच गिरफ्तारी पर रोक लगे और झूठे प्रकरण दर्ज कराने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
धोखाधड़ी पर कठोर कार्रवाई: धर्म या जाति बदलकर धोखाधड़ी करने वालों पर कठोर कानून बने।
लव मैरिज: लव मैरिज में माता-पिता की सहमति अनिवार्य की जाए।
आर्थिक एवं आरक्षण संबंधी मांगें
आरक्षण का आधार: आरक्षण में भूमि व मकान की बाध्यता समाप्त कर, केवल 18 लाख रुपये वार्षिक आय को आधार बनाया जाए।
पदोन्नति में आरक्षण: सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण को समाप्त किया जाए।
आयु छूट: सभी सरकारी भर्तियों में 5 वर्ष की आयु छूट दी जाए।
आर्थिक आरक्षण: आरक्षण को पूर्णत: आर्थिक आधार पर लागू किया जाए।
सवर्ण आयोग: सवर्ण आयोग का पुनर्गठन हो और भर्ती कानून बनाया जाए।
किसान संबंधित मांगे
स्वामीनाथन रिपोर्ट: किसानों के लिए स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट लागू की जाए।
जीएसटी छूट: कृषि उपकरणों पर पूर्ण जीएसटी छूट दी जाए।
फसल मुआवजा: फसल नुकसान पर 55 हजार प्रति हेक्टेयर मुआवजा सुनिश्चित किया जाए।
अन्य मांगें
गौमाता राष्ट्रमाता: गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाए।
स्मार्ट मीटर: एमपीईबी के स्मार्ट मीटरों पर प्रतिबंध लगाया जाए।
पूर्व सैनिक आरक्षण: पूर्व सैनिकों को नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।
शिक्षा गुणवत्ता: सरकारी स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हो।
पुलिस ग्रेड पे: पुलिस आरक्षकों के लिए 2400 ग्रेड पे लागू हो।
कर्मचारी नियमितीकरण: संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए।
इतिहास संरक्षण: क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास से छेड़छाड़ पर रोक लगे।


