बस से उतारकर लूटा, फिर छिपे थे इंदौर में, मंडी पुलिस ने 48 घंटे में पकड़ लिए दोनों बदमाश

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सीहोर। मंडी थाना क्षेत्र में 3 दिसंबर 2025 को हुई लूट की घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी। भोपाल से इंदौर जा रहे अर्जुन मालवीय और उनके साथी को कुबेरेश्वरधाम के पास दो अज्ञात युवकों ने बस रोककर नीचे उतार लिया। बस को तुरंत आगे रवाना कर दिया गया, और पीड़ितों को एक निर्माणाधीन इमारत के पीछे ले जाकर बदमाशों ने मारपीट की और उनकी जेब से 30,000 नकद और रियलमी कंपनी का मोबाइल जबरदस्ती छीन लिया था। घटना के बाद पीड़ितों ने मंडी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 370/25 दर्ज कर जांच शुरू की थी।

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने मामले को प्राथमिकता पर लेते हुए एक विशेष टीम गठित की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनीता रावत और नगर पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिनंदना शर्मा के निर्देशन में थाना प्रभारी निरीक्षक सुनील मेहर और उनकी टीम को लुटेरों की तलाश में लगा दिया गया। तकनीकी जांच, मोबाइल लोकेशन और क्षेत्र में सक्रिय निगरानी बदमाशों की सूची को खंगालते हुए पुलिस ने तेजी से सुराग जुटाना शुरू किया।
पुलिस की मेहनत उस समय रंग लाई जब मुखबिर से सूचना मिली कि घटना में शामिल बदमाश इंदौर के आज़ाद नगर और खजराना क्षेत्र में देखे गए हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने इंदौर में दबिश दी और दोनों संदिग्धों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उन्होंने वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार कर ली। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और घटनास्थल के विश्लेषण के आधार पर दोनों को आरोपी के रूप में चिन्हित किया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहम्मद मोहसिन पिता मोहम्मद शकील, निवासी खजराना और आदिल पठान पिता युसुफ पठान, निवासी पालदा, इंदौर के रूप में हुई। दोनों के खिलाफ पहले भी कई गंभीर अपराध दर्ज थे। मोहम्मद मोहसिन के खिलाफ आर्म्स एक्ट और पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट के मामले दर्ज हैं, जबकि आदिल पठान 309(4), 309(6) और 311 बीएनएस के मामलों में आरोपी रह चुका है। दोनों को पुलिस निगरानी बदमाश के रूप में पहले से चिन्हित कर चुकी है, जिससे उनके अपराधों का पुराना इतिहास सामने आया।

पुलिस ने आरोपियों से 7200 नकद, लूटा गया रियलमी मोबाइल फोन, घटना में प्रयुक्त लोहे का पाइप और एक मोटरसाइकिल जब्त की। दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया ताकि उनसे और भी संभावित वारदातों की जानकारी निकाली जा सके। पुलिस को शक है कि ये दोनों कई और घटनाओं में संलिप्त रहे हैं और उनसे आगे की पूछताछ में बड़े खुलासे होने की संभावना है। इस मामले का 48 घंटे में खुलासा मंडी पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला ने टीम के इस उत्कृष्ट कार्य के लिए सभी सदस्यों को पुरस्कृत करने की घोषणा की।