नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आरोपी को 20 साल की सजा, साढ़े तीन हजार अर्थदंड

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सीहोर। इछावर थाना क्षेत्र में नाबालिग बालिका को बहला फुसलाकर ले जाने और उसके साथ बलात्संग करने के गंभीर मामले में न्यायालय ने आरोपी को कठोर दंड सुनाया है। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश स्मृता सिंह ठाकुर ने आरोपी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास और कुल साढ़े तीन हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडि़ता के पिता ने 22 मार्च 2024 को इछावर थाने में अपनी नाबालिग बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि उनकी बेटी दुकान पर सामान लेने गई थी, जो वापस नहीं लौटी। उन्हें शक था कि उनके गांव का सोनू मेवाड़ा निवासी नरसिंहखेड़ा उनकी बेटी को बहला फुसलाकर भगा ले गया है। पुलिस पड़ताल के दौरान पीडि़ता को 25 मार्च 2024 को आरोपी सोनू मेवाड़ा के कब्जे से दस्तयाब किया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
कई स्थानों पर किया दुष्कर्म
पीडि़ता ने अपने बयान में बताया कि आरोपी सोनू उसका पड़ोसी है और वह उसे 3 साल से जानती थी। घटना वाले दिन आरोपी ने उसे फोन करके बुलाया और अपनी मोटरसाइकिल से सीहोर और भोपाल ले गया, जहां बस स्टैंड के पास एक धर्मशाला में रुका। पीडि़ता ने बताया कि आरोपी ने उसके साथ धर्मशाला में जबरदस्ती कई बार बलात्संग किया। इसके बाद वे भोपाल से सतना और फिर मैहर भी गए, जहां आरोपी ने उसके साथ कई बार जबरदस्ती की। आरोपी को जब पता चला कि पीडि़ता के घरवालों ने उसकी रिपोर्ट थाने में कर दी है, तब तक पुलिस अनुसंधान शुरू हो चुका था।
न्यायालय का फैसला
पुलिस अनुसंधान के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन के तर्कों और प्रस्तुत दस्तावेजी एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से सहमत होते हुए तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश स्मृता सिंह ठाकुर ने आरोपी को दोषी पाया। न्यायालय ने आरोपी सोनू मेवाड़ा को 20 साल की सजा और साढ़े तीन हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रेखा यादव द्वारा की गई।