सीहोर। जिला पंचायत सीईओ को ग्राम पंचायत धनखेड़ी चांदबढ़ के सरपंच और सचिव के खिलाफ गंभीर अनियमितताओं की शिकायत मिली है। ग्राम धनखेड़ी के ग्रामवासियों द्वारा दिए गए आवेदन में आरोप लगाया गया है कि पंचायत पदाधिकारियों ने सार्वजनिक संपत्ति का दुरुपयोग करते हुए गांव में बने पक्के यात्री प्रतीक्षालय को अवैध रूप से किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया था। जब इस अवैध बिक्री की शिकायत 181 पर की गई तो सरपंच और सचिव ने प्रतीक्षालय, जो कि 10 वर्ष पुराना होने के बावजूद अच्छी अवस्था में था उसे ‘जर्जर’ बताकर तुड़वा दिया।
ग्रामीणों ने शिकायत में बताया कि अब उस खाली जगह पर पक्की दुकानें बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया है और ये दुकानें उन लोगों को आवंटित की जा रही हैं, जिन्होंने पहले यात्री प्रतीक्षालय खरीदा था। यह सीधे तौर पर चहेतों को लाभ पहुंचाने का मामला है। ग्रामीणों ने वित्तीय अनियमितताओं पर भी उंगली उठाई है। पंचायत द्वारा 20-30 वर्ष पूर्व निर्मित चार दुकानें किराए पर दी गई हैं, लेकिन शिकायत के अनुसार प्रतिवर्ष नियमानुसार 10 प्रतिशत किराया वृद्धि का कोई रिकॉर्ड ग्राम पंचायत में नहीं है। आरोप है कि किराए की पूरी राशि सरपंच और सचिव मिलकर ले रहे हैं। इसके अलावा ‘स्मार्ट फिश मार्केट’ की दो दुकानों के लिए आए रुपए को भी बिना कोई निर्माण कराए ही, फर्जी बिल बनाकर और मटेरियल के नाम पर निकाल लिया गया है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत में नाली का निर्माण बेहद घटिया तरीके से कराया गया था, जिसके अवशेष अब मौके पर नहीं मिल रहे हैं। प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम सभा का आयोजन कब होता है, कौन शामिल होता है, इसकी जानकारी ग्रामीणों को नहीं मिलती। सरपंच और सचिव स्वयं ही बैठक करके फर्जी हस्ताक्षर करवा लेते हैं। ग्राम सचिव पिछले 5 वर्षों से पंचायत में कार्यरत हैं और वे पंचायत का काम मनमाने तरीके से करते हैं।
हाट बाजार स्थल
शिकायत में बताया कि जिस जगह पर दुकानें बनाने का निर्णय लिया गया है, वह स्थान कई वर्षों से हाट बाजार और मेला लगने के लिए उपयोग होता रहा है। यदि यहां दुकानें बनती हैं तो हाट बाजार लगाकर कमाई करने वाले ग्रामीण बेरोजगार हो जाएंगे और आर्थिक रूप से परेशान होंगे। ग्रामीणों ने शिकायत आवेदन देकर जिला पंचायत सीईओ से निवेदन किया है कि इन गंभीर आरोपों के आधार पर ग्राम पंचायत धनखेड़ी चांदबढ़ के समस्त रिकॉर्ड की गहन जांच करवाई जाए। उनकी मांग है कि अनियमितताओं का पता लगाकर दोषियों को दंडित किया जाए।


