sehore news: जाटव-राठौर समाज एक है, कुछ लोग फैला रहे भ्रम

सीहोर। जिला अस्पताल परिसर में रविवार रात एक टेंट कारोबारी पिता-पुत्र पर हुए जानलेवा हमले के बाद उपजे आक्रोश के बीच मंगलवार को नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर ने मोर्चा संभाला। उन्होंने जिला अस्पताल पहुंचकर घायल प्रवेश परिहार और उनके पिता हरि सिंह से मुलाकात की और समाजजनों से कहा कि राठौर-जाटव समाज एक ही, गलत काम करने वालों का कभी साथ नहीं दिया जाएगा, जो दोषी है कानून उन्हें सजा देगा।
नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर घायल पिता-पुत्र और वहां मौजूद जाटव समाज के प्रतिनिधियों से स्पष्ट कहा कि कुछ लोगों द्वारा इस घटना को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है, लेकिन मैं आप को बता दूं कि राठौर और जाटव समाज एक ही है। नपाध्यक्ष ने दोषियों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन देते हुए कहा, जिन्होंने ने भी इस घिनौनी घटना को अंजाम दिया है, उन्हें कानून कड़ी से कड़ी सजा देगा। मैं इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और प्रशासन से अपराधियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग करता हूं।
घटना पर एक नजर
बता दें यह घटना रविवार की देर रात की है। अंबेडकर नगर गंज निवासी टेंट कारोबारी प्रवेश परिहार और उनके पिता हरि सिंह रविवार रात मारपीट में घायल होने के बाद इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे थे। पुलिस के अनुसार आरोपी दीपक परमार और उनके साथी भानू राठौर, नवीन राठौर अस्पताल में घुस आए और पिताञपुत्र पर तीसरी बार जानलेवा हमला किया। बीच-बचाव करने आए एक अस्पताल कर्मचारी और सुरक्षा में तैनात सैनिक बोंदर सिंह भी घायल हुए।
अस्पताल कर्मचारियों दी थी हड़ताल की चेतावनी
अस्पताल परिसर में सुरक्षा भंग होने से आक्रोशित जिला अस्पताल के सभी कर्मचारी सोमवार को एकजुट होकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और परिसर की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। कर्मचारियों ने चेतावनी दी थी यदि फरार आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे काम बंद हड़ताल कर देंगे।
जाटव समाज प्रतिनिधि मंडल पहुंचा एसपी ऑफिस
इधर जाटव समाज के प्रतिनिधिमंडल ने भी मंगलवार को एसपी कार्यालय पहुंचकर एएसपी सुनीता रावत को ज्ञापन सौंपा और फरार आरोपी भानु राठौर की तत्काल गिरफ्तारी और मामले में धाराओं को बढ़ाने की मांग की।
दो आरोपी हो चुके गिरफ्तार
सीएसपी अभिनंदना शर्मा के अनुसार पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरे फरार आरोपी की तलाश जारी है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एससी-एसटी एक्ट सहित तीन अलग-अलग गंभीर अपराधों के तहत प्रकरण दर्ज किए हैं।