142 दिन बाद खत्म होगा मांगलिक कार्यों पर ‘ब्रेक’, देवउठनी ग्यारस से गूंजेंगी शहनाइयां

सीहोर। करीब पांच माह (142 दिन) से थमा हुआ विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों का सिलसिला अब फिर से शुरू होने जा रहा है। 1 नवंबर शनिवार को देव प्रबोधिनी एकादशी यानी देवउठनी ग्यारस के साथ ही शादियों का सीजन विधिवत शुरू हो जाएगा। जून में गुरु के अस्त होने के बाद से मांगलिक कार्यों पर लगा ब्रेक अब खत्म होगा।
पंडित रजत शर्मा के अनुसार देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं, जिसके बाद चतुर्मास समाप्त होता है। इस दिन मंदिरों और घरों में विशेष पूजा अर्चना के साथ देव जागरण की रस्में होंगी और धूमधाम से तुलसी शालिगराम विवाह संपन्न कराए जाएंगे।
नवंबर में 14 दिन शुभ मुहूर्त, फिर लंबा इंतजार
शादियों का सीजन शुरू होने के साथ ही बाजारों में ग्राहकों की भीड़ बढ़ गई है। मैरिज गार्डन, धर्मशालाओं, बैंड, डीजे और हलवाइयों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है, जबकि निमंत्रण पत्रों की छपाई और खरीदारी का दौर तेज है। नवंबर में 14 शुभ मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद दिसंबर में केवल 4, 5 और 6 तारीख को ही विवाह के मुहूर्त मिलेंगे।
51 दिन का लंबा ब्रेक
विवाह की तैयारी कर रहे परिवारों के लिए एक लंबी रुकावट सामने है। 16 दिसंबर से मलमास शुरू हो जाएगा, जो 14 जनवरी तक चलेगा। इससे पहले 12 दिसंबर से शुक्र अस्त हो जाएंगे। इस दौरान करीब 51 दिनों तक विवाह सहित अन्य सभी मांगलिक कार्य स्थगित रहेंगे। मलमास की समाप्ति के बाद 23 जनवरी को बसंत पंचमी का अबूझ मुहूर्त रहेगा, जिसके बाद ही शादियों का अगला दौर शुरू हो पाएगा।