सीहोर। चौपाल सागर के पास हुए हमले के मामले ने अब एक बड़ा मोड़ ले लिया है। पुलिस पड़ताल में सामने आया है कि इस जघन्य वारदात की मुख्य वजह फर्जी डीएड मार्कशीट थी। आरोपी शिक्षक हिम्मत सिंह मीणा ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उसने ब्लैकमेलिंग से तंग आकर ग्वालियर निवासी पंजाब सिंह गुर्जर पर रॉड से हमला किया।
पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस वारदात से जुड़े अपराधी राजगढ़ निवासी हिम्मत सिंह मीणा को महज 24 घंटे में कुरावर से हिरासत में लिया है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि पीडि़त पंजाब सिंह गुर्जर पिछले कई महीनों से उसे ब्लैकमेल कर रहा था और 15 लाख रुपये मांग रहा था। ब्लैकमेलिंग का आधार हिम्मत सिंह की फर्जी डीएड की मार्कशीट थी। पंजाब सिंह लगातार धमकी दे रहा था कि वह इस नकली डिग्री का खुलासा कर हिम्मत सिंह को नौकरी से बर्खास्त करवा देगा। इस मानसिक प्रताडऩा से तंग आकर ही हिम्मत सिंह ने 13 अक्टूबर को भोपाल से पंजाब सिंह की कार का पीछा किया और चौपाल सागर के पास रॉड से हमला कर फरार हो गया।
नकली डिग्री का मास्टरमाइंड कौन?
- आरोपी की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस की जांच का फोकस फर्जी डीएड मार्कशीट पर टिक गया है।
- हिम्मत सिंह मीणा ने यह फर्जी मार्कशीट किससे और कहां से बनवाई थी।
- क्या यह कोई संगठित नकली डिग्री बनाने वाला रैकेट है।
- क्या इस फर्जीवाड़े में कोई अन्य सरकारी कर्मचारी शामिल है। इन सभी बातों के जवाब पुलिस की पड़ताल में सामने आएंगे।


