सीहोर। दीपों का पर्व दीपावली इस वर्ष एक बड़े असमंजस के साथ दस्तक दे रहा है। लगभग 40 वर्षों में यह पहली बार हो रहा है, जब मशहूर लाला रामस्वरूप कैलेंडर में दी गई तिथि के अनुसार दीपोत्सव नहीं मनाया जाएगा। विप्रजनों और ज्योतिषियों द्वारा दी गई नई तिथियों ने आम श्रद्धालुओं के बीच गफलत की स्थिति पैदा कर दी है, जिससे त्यौहार का उत्साह फीका पड़ रहा है।
लाला रामस्वरूप कैलेंडर जिस पर देश का एक बड़ा वर्ग आंख बंद करके भरोसा करता आया है, उसमें दीपावली की तिथि 21 अक्टूबर दी गई है। वहीं विप्रजन, ज्योतिषाचार्य दीपावली की तिथि 20 अक्टूबर बता रहे हैं। सीहोर के बालाजी ज्योतिष अनुसंधान एवं परामर्श केंद्र के स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा सहित विप्रजनों ने स्पष्ट किया है कि दिवाली का शुभ दिन 20 अक्टूबरए सोमवार को है।
आमजनों ने दी प्रतिक्रिया
आम लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है। देवेन्द्र कुशवाह ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा मेरी उम्र 45 साल हो गई है। आज तक लाला रामस्वरूप कैलेंडर में जिस दिन दीपावली की तारीख लिखी होती थी, उसी दिन हम मनाते आए हैं। यह पहली बार है कि कैलेंडर के हिसाब से दीपावली नहीं मनाई जाएगी, यह वाकई आश्चर्यजनक है।
लाला रामस्वरूप कैलेंडर की तिथियां
दीपावली: 21 अक्टूबर
गोवर्धन पूजा: 22 अक्टूबर
भाई दूज: 23 अक्टूबर
पहले शरद पूर्णिमा में हुई गफलत
लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब तिथियों में इतनी भिन्नता आई है। चेतन वर्मा ने सवाल उठाया कि सनातनी त्योहारों में ही यह गफलत क्यों हो रही है. हाल ही में शरद पूर्णिमा में भी ऐसी ही स्थिति बनी थी। विप्रजनों ने 6 तारीख को पूर्णिमा बताई थी, जबकि पूर्णिमा का जो चमकदार चांद था, वह 7 अक्टूबर को आसमान में चमका था। राजेन्द्र सेन ने बताया कि बीते 10-15 सालों से लगभग हर त्यौहारों की दो-दो तिथियां निकल रही हैं, जिससे त्यौहारों का उत्साह पूरी तरह से फीका पड़ रहा है। इधर 40 साल की परंपरा से हटकर मनाई जा रही इस दीपावली में आम श्रद्धालु अब भी असमंजस में हैं कि वे वर्षों से मान्य कैलेंडर की सुनें या विप्रजनों की।
ज्योतिषाचार्य पं. सौरभ शर्मा ने बताई तिथि
- धनतेरस 18 अक्टूबर, जबकि 19 अक्टूबर को छोटी दिवाली।
- 20 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन दिवाली (दोपहर 3.44 बजे से शुरू होकर 21 को शाम 5.54 बजे समाप्त होगी। चूंकि लक्ष्मी पूजन सूर्यास्त के बाद अमावस्या में होता है) इसलिए दिवाली 20 अक्टूबर को मनेगी। शुभ मुहूर्त शाम 7.08 मिनट से रात 8.18 मिनट तक।
- गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि 21 की शाम 5.54 से शुरू होकर 22 की रात 8.16 तक रहेगी।
- भाई दूज 23 अक्टूबर को द्वितीया तिथि 22 की रात 8.16 से शुरू होकर 23 की रात 10.46 तक समाप्त होगी।


