कांग्रेस के ‘सच्चे सिपाही’ केके मिश्रा का निधन, राजनीति से समाजसेवा तक, 61 दिन उन्हीं के घर बनी थी ‘सुकून की रसोई’

सीहोर। कांग्रेस के वरिष्ठ और अत्यंत समर्पित नेता केके मिश्रा का आज रविवार निधन हो गया। मिश्रा जी का राजनीतिक सफर जहां कांग्रेस के प्रति उनकी अटूट निष्ठा का प्रमाण है, वहीं उनका सामाजिक योगदान भी प्रेरणादायी रहा है। उन्होंने आजीवन दल-बदल की राजनीति से खुद को दूर रखा और अंतिम सांस तक खुद को पार्टी और समाज के लिए समर्पित रखा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओमदीप बताते हैं कि केके मिश्रा का शुरुआती जीवन शिक्षक के रूप में बीता। पीजी कॉलेज से जागृफि विषय में एमए करने के बाद भी, उनकी आस्था हमेशा कांग्रेस में बनी रही। नौकरी से मुक्त होने के बाद वह पूरी तरह से सक्रिय राजनीति में आ गए और दिग्विजय सिंह की सरकार में सलाहकार समिति में रहकर प्रशासन और संगठन के बीच समन्वय का महत्वपूर्ण काम किया।
कोरोना काल में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
केके मिश्रा जी का सामाजिक सरोकार कोरोना महामारी के दौरान सामने आया। जब पूरा शहर लॉकडाउन था और जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था मुश्किल थी, अनेक संस्थाएं जरुरत मंदों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रही थी। इसी तरह शहर की सामाजिक संस्था उंगली ग्रुप द्वारा संचालित ‘सुकून की रसोई’ लगातार 61 दिनों तक उन्हीं के घर से संचालित हुई थी। उनके घर बना भोजन शहर के जरूरतमंद क्षेत्रों में वितरित किया जाता था।
युवाओं को दिया रोजगार
ओमदीप जी बताते हैं कि राजनीतिक और सामाजिक जीवन के अलावा मिश्राजी का एक महत्वपूर्ण योगदान रोजगार के क्षेत्र में भी रहा। उन्होंने अजीज कुरैशी के छोटे भाई जहीर कुरैशी की इंडस्ट्रीज में मैनेजमेंट का काम देखा और कई शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में मदद की।