सीहोर। देश के केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में ही किसानों के साथ नकली खाद का एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह घटना कई सवाल खड़े करती है कि जब देश के कृषि मंत्री के अपने जिले में किसान सुरक्षित नहीं हैं, तो प्रदेश के बाकी हिस्सों का क्या हाल होगा।
मामला भैरूंदा तहसील क्षेत्र का है, जहां ‘उत्तम शक्ति’ नामक ब्रांडेड कंपनी के रैपर लगाकर किसानों को खुलेआम कोयले की राख और मिट्टी युक्त नकली उर्वरक बेचा जा रहा था। राजस्व और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने महागांव कदीम में कार्रवाई करते हुए 210 कट्टी नकली खाद जब्त की है।
सरपंच की सतर्कता से भंडाफोड़
नकली खाद के इस गोरखधंधे का पर्दाफाश ग्राम पंचायत नीमोटा के सरपंच वीरेन्द्र सिंह की सूझबूझ से हुआ। तेजपाल सिंह राजपूत नरसिंहगढ़ और अजय सिंह राजपूत विदिशा 80 कट्टी नकली खाद लेकर सरपंच के घर पहुंचे थे। सरपंच ने संदेह होने पर बोरी खोलकर देखी तो अंदर राख और मिट्टी मिली हुई पाई गई। उन्होंने तुरंत कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी।
700 में से 500 कट्टी खप चुकी थी
सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार अनीस कुरैशी और कृषि अधिकारी बीएस राज मौके पर पहुंचे और खाद के नकली होने की पुष्टि की। टीम ने सरपंच की जानकारी पर महागांव कदीम में किसान सालिगराम के गोदाम पर छापा मारा। गोदाम मालिक ने बताया कि पुष्पेंद्र राजपूत निमोटा ने 700 कट्टी खाद रखने के लिए 5000 दिए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि 700 में से 500 कट्टी नकली खाद पहले ही किसानों को बेची जा चुकी थी, जबकि बची हुई 210 बोरियों को टीम ने जब्त कर लिया। इस बीच नकली खाद बेच रहे अजय राजपूत और तेजपाल राजपूत मौके से फरार हो गए।
एसडीएम ने कहा होगी सख्त कार्रवाई
एसडीएम भैरूंदा सुधीर कुशवाह ने बताया कि नकली खाद की सूचना पर तत्काल कार्रवाई की गई है और जब्त खाद के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री के गृह क्षेत्र में किसानों के साथ इस तरह का फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ जांच रिपोर्ट आने के बाद सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


