सीहोर। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी चिर परिचित मुस्कान और सधे हुए दांव से सीहोर के कांग्रेसी नेताओं की घेराव रणनीति को एक झटके में क्लीन बोल्ड कर दिया। जिले के किसानों को मुआवजा नहीं मिलने के मुद्दे पर कांग्रेस ने मामा शिवराज को घेरकर ज्ञापन सौंपने का हाई वोल्टेज प्लान बनाया था, लेकिन ‘मामा’ की चाल के सामने कांग्रेसी नेताओं के सारे अरमान धरे रह गए।
राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे थे कि शिवराज सिंह चौहान के बिलकिसगंज आगमन पर बड़ी हलचल होगी। कांग्रेस नेता ब्रजेश पटेल ने पुलिस से चर्चा में साफ कर दिया था कि जैसा सत्ता पक्ष का व्यवहार रहेगा, वैसा ही व्यवहार हमारा रहेगा। कांग्रेस खेमे की तैयारी को देखते हुए जिला पुलिस भी अलर्ट थी। लेकिन भाजपा खेमे में इस तनातनी को लेकर कोई हलचल या प्रतिक्रिया नहीं दिखी।
मामा ने खुद ही लगाया ‘ब्रेक’
जब कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता अपनी रणनीति को अंजाम देने के लिए तैयार खड़े थे, तभी राजनीतिक घटनाक्रम ने अचानक करवट ली। शिवराज सिंह चौहान ने अपने काफिले को स्वयं कांग्रेसी नेताओं के पास रुकवाया। काफिला रुकते ही कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने स्वाभाविक रूप से नारेबाजी शुरू कर दी। कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के बीच शिवराज सिंह चौहान मुस्कुराते हुए कांग्रेसी नेताओं के पास पहुंचे और बोले मैं तो मामा हूं, सभी के पास रुकता हूं।
संवेदनशीलता के सामने कांग्रेस हुई मौन
बस इतना कहना था और कांग्रेस के विरोध की सारी हवा निकल गई। शिवराज सिंह चौहान की इस आत्मीयता और उनके सरल जवाब ने नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं को मौन कर दिया। शिवराज ने आगे कहा कि मुआवजा एक संवेदनशील मामला है और इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। शिवराज के इस संवेदनशील बयान के आगे कांग्रेसी नेताओं के पास सिर्फ अपनी बात रखने का विकल्प बचा। उन्होंने ज्ञापन दिया और शिवराज उसे लेकर चलते बने।
राजनीति के ‘मास्टर ब्लास्टर’ की चर्चा
इस पूरी घटना के बाद से राजनीतिक गलियारों में एक ही बात की चर्चा है, राजनीति के मास्टर ब्लास्टर हैं शिवराज सिंह चौहान. कांग्रेस ने जहां शिवराज को घेरकर विरोध का राजनीतिक माइलेज लेने की तैयारी की थी, वहीं शिवराज ने खुद ही काफिला रोककर, मुस्कुराकर और संवेदनशीलता की बात कहकर विरोध की धार मंद कर दी। कुल मिलाकर माता शिवराज ने सीहोर के कांग्रेसियों को क्लीन बोल्ड कर दिया।


