SEHORE NEWS : सीहोर। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिए गए सम्मान को लेकर अब जिला शिक्षा विभाग पर सवाल उठ रहे हैं। सम्मान पाने वालों की सूची देखकर हर कोई हैरान है, क्योंकि इसमें जिले के 5895 शिक्षकों में से एक भी शिक्षक का नाम शामिल नहीं है, जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर शिक्षा का स्तर उठाया है। इसके बजाय, यह सम्मान शिक्षा विभाग के दफ्तरों में बैठकर काम करने वाले बाबुओं और अधिकारियों को दिया गया है।
बता दें परम्परा अनुसार स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर अच्छा काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को सम्मानित किया जाता है। इस बार भी जिले की पालक मंत्री कृष्णा गौर ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 10 कर्मचारियों को सम्मानित किया, लेकिन दुखद बात यह रही कि ये सभी कर्मचारी शिक्षा विभाग के दफ्तरों में पदस्थ हैं। यह निर्णय उन मेहनती शिक्षकों के लिए निराशाजनक है जो स्कूलों को मॉडल बना रहे हैं और बच्चों के भविष्य को संवारने में लगे हैं। इस सम्मान सूची में स्कूल में पढ़ाने वाले किसी भी शिक्षक का नाम नहीं है। कुल मिलाकर शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की मेहनत को पूरी तरह से दरकिनार किया है।
सम्मानितों की सूची में केवल बाबू और अधिकारी
15 अगस्त के मुख्य समारोह में जिन 10 लोगों को सम्मानित किया गया, उनमें सहायक संचालक, लेखापाल, ऑडिटर, अकाउंटेंट और एपीसी जैसे पद पर बैठे लोग शामिल थे। इनका काम सीधे तौर पर बच्चों को पढ़ाना नहीं है, बल्कि फाइलें निपटाने और दफ्तरों का काम संभालना है। जिन लोगों को सम्मान मिला उनमें सलोनी शर्मा सहायक संचालक, टी. पन्ना लेखापाल, उमेश राठौड़ ऑडिटर, अंशुल शर्मा अकाउंटेंट, दीपा कीर विकास खंड शिक्षा अधिकारी, राजेश खन्ना लेखापाल डाइट, चंदर शेखर वर्मा एपीसी, लखन महेश्वरी, आलोक शर्मा प्राचार्य और आशीष शर्मा शामिल हैं।


