सीहोर। कड़ाके की ठंड ने जिले को पूरी तरह अपनी गिरफ्त में ले लिया है, जिससे सीहोर में ‘मिनी कश्मीर’ जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। बीती रात न्यूनतम तापमान $5.3 डिग्री दर्ज किया गया। सुबह होते ही खेतों में घास और फसलों पर बर्फ की पतली सफेद परत जमी हुई दिखाई दी, जिसने किसानों की धडकऩें बढ़ा दी हैं। जिले में अब रात सहित दिन में भी बर्फली हवाएं चल रही हैं, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर के अनुसार हिमाचल और उत्तराखंड के ऊंचे क्षेत्रों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और भारी बर्फबारी का सीधा प्रभाव मध्य प्रदेश के मौसम पर पड़ रहा है। उत्तर पश्चिम दिशा से आ रही शीतलहर ने जिले को ठिठुरा दिया है। पिछले एक सप्ताह में ही पारा 9 डिग्री से लुढक़कर 5 डिग्री के स्तर पर पहुंच गया है।
पाला और मावठे की दोहरी चिंता
डॉ. तोमर के अनुसारए आने वाले दिनों में मावठा गिरने की पूरी संभावना है। आसमान में छाए बादलों ने सर्दी को और अधिक कसा है। यदि मावठा होता है तो गेहूं और चने की फसलों को लाभ मिलेगा, लेकिन बढ़ी नमी और कम तापमान पाले को और खतरनाक बना सकता है। किसान लगातार मौसम की निगरानी कर रहे हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटों को फसलों के लिए अहम बताया है।
शीतलहर की चेतावनी
मौसम विभाग ने शीतलहर की चेतावनी जारी की है, जिसकी तीव्रता अगले कुछ दिनों में और बढ़ सकती है। रात के तापमान में और गिरावट होने की आशंका है। सुबह के समय घना कोहरा हो सकता है, जिससे दृश्यता भी प्रभावित होगी। जैसे ही तापमान ने ठंड का रौद्र रूप दिखाना शुरू किया है, शहर के बाजार गर्म कपड़ों से पूरी तरह सज गए हैं। ऊनी कपड़ों की दुकानों पर स्वेटर, जैकेट और मफलर की जमकर खरीदारी हो रही है। लोग गर्माहट की तलाश में लगातार बाजार पहुंच रहे हैं।


