16 जनवरी 2025: सीहोर जिले की राजनीति में लंबे समय से चल रही खींचतान, बैठकों, लॉबिंग और नामों के फेरबदल के बाद आखिरकार भाजपा ने नए जिलाध्यक्ष के नाम पर मुहर लगा दी। तत्कालीन जिलाध्यक्ष रवि मालवीय की जगह पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस घोषणा के साथ महीनों से लंबित चल रही जिलाध्यक्ष चयन प्रक्रिया आखिरकार पूरी हुई और जिले की राजनीतिक फाइलों में एक बड़ा अध्याय बंद हो गया।
लेकिन दिलचस्प बात यह रही कि राजनीतिक हलकों में खूब चर्चा बटोरने वाली यह नियुक्ति वर्ष के अंत तक भी पूरी तरह प्रभावी नहीं हो सकी। कारण नरेश मेवाड़ा अब तक अपनी जिला टीम का गठन नहीं कर पाए हैं। संगठन की दृष्टि से यह धीमी गति भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं के बीच लगातार सवालों का विषय बनी रही।
बता दें सीहोर वैसे भी सामान्य जिला नहीं है, यह उन चुनिंदा जिलों में शामिल है जहां राजनीति सिर्फ गतिविधि नहीं, बल्कि धडक़न है। चार विधानसभा सीटें (सीहोर, आष्टा, बुदनी और इछावर) और तीन संसदीय सीटों (भोपाल, विदिशा और देवास) का मिलन इसे प्रदेश का महत्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र बनाता है। इसके साथ ही यह जिला वीवीआईपी दर्जे में आता है क्योंकि केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान यहीं के निवासी हैं, बुदनी के ग्राम जैत उनकी जन्म स्थली है। जनवरी 2025 का यह परिवर्तन भाजपा जिलाध्यक्ष पद की यह नियुक्ति साल की पहली बड़ी और सबसे चर्चित राजनीतिक घटना रही, जिसने पूरे जिले में सुर्खियां बटोरी।


