मैं नेतागीरी नहीं, राजनीति करता हूं, राजस्व मंत्री वर्मा ने दिया चैलेंज

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सीहोर। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को तीखी नोकझोंक के साथ शुरू हुआ। पहले दिन का केंद्र बिंदु अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित किसानों को राहत राशि नहीं मिलने का मुद्दा रहा, जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच 5 घंटे तक लंबी और गरमागरम चर्चा हुई। इस दौरान इछावर विधानसभा से विधायक व प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बीच तीखा वाकयुद्ध देखने को मिला, बात इस्तीफे तक जा पहुंची।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने अपने बेबाक अंदाज में कहा कि अतिवृष्टि की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 5 जिलों का दौरा किया और राहत राशि दी। मंत्री वर्मा ने किसानों को राहत राशि देने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि 25 प्रतिशत से कम नुकसान होगा तो हम राहत राशि देंगे। उन्होंने भावांतर योजना का उल्लेख करते हुए अपनी बात का समर्थन किया मेरे बेटे ने सोयाबीन 4200 रुपए में बेची, 800 रुपए भावंतर से मिला है।
मैं झूठ नहीं बोलता
विपक्ष की आलोचना पर उन्होंने कहा कि मेरे बारे में मालूम कर लो झूठ नहीं बोलता। मैं नेतागीरी करने नहीं आया, राजनीति करता हूं। उन्होंने कांग्रेस सरकार के पुराने मुआवजे के आंकड़ों से तुलना करते हुए कहा कि अब केले के नुकसान पर पहले के 50,000 की जगह 2 लाख मिलते हैं।
आप झूठे निकले तो इस्तीफा होगा
चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने महंगाई और किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरा। जब राजस्व मंत्री ने उनसे प्रमाण मांगे तो सिंघार ने सीधे चुनौती दे डाली। सिंघार ने कहा कि क्या प्रमाण चाहिए, मैं सारे प्रमाण दूंगा आप सच बताइए अगर मेरी बात और प्रमाण गलत निकले तो अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।
इस बीच संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बीच-बचाव करते हुए करण सिंह वर्मा से कहा करण सिंह जी आप उमंग जी को गुस्सा मत दिलाइए, ये आपको उत्तेजित करके इस्तीफा मांग लेंगे और आप इतने सीधे हैं कि आप इस्तीफा दे भी देंगे।