‘हनुमानजी’ की नर्मदा परिक्रमा गुजरात पहुंची, बोले- मां नर्मदा सनातन और जीवन के रंग सिखा रही हैं

सीहोर। प्रसिद्ध धारावाहिक रामायण पार्ट.2 में हनुमानजी की भूमिका निभाकर लोकप्रिय हुए कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ‘हनुमानजी’ की नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा अब गुजरात के राज पीपला, नर्मदा जिले तक पहुंच गई है। 3 नवंबर को ओंकारेश्वर से शुरू हुई यह यात्रा 17 दिनों में करीब 400 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है।
लक्ष्य टूडे से बात करते हुए नर्मदा परिक्रमावासी विक्रम मस्ताल शर्मा ने बताया कि उनकी यात्रा का अनुभव बहुत अच्छा लग रहा है और मां नर्मदा उन्हें जीवन जीने के नए रंग सिखा रही हैं। उन्होंने बताया कि आज वे अंकलेश्वर तक पहुंच जाएंगे और लगभग 1 दिसंबर के आसपास यह यात्रा मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगी।
अंत में सभी को सनातन के पास जाना है
मस्ताल ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा किए बिना सुविधाओं के, प्राकृतिक परंपराओं के अनुसार जीवन जी रहे हैं। यह भारत की असल आत्मा को जानने का अवसर दे रहा है। यहां सनातन को जानने का अवसर मिल रहा है, उसकी शक्ति को पहचानने का अवसर मिल रहा है। अंत में जाना ही सनातन के पास है, आप जितनी जल्दी जाओ उतना अच्छा है।
पूरी तरह धार्मिक और भावनात्मक जुड़ाव
कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल,ह्य जो कमलनाथ द्वारा गठित नर्मदा सेवा सेना के प्रदेश संयोजक भी हैं, ने बताया कि यह 3300 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी तरह धार्मिक है। नर्मदा तट कपिल मुनि, आदि शंकराचार्य, भगवान श्रीराम और कृष्ण का वास स्थान रहा है और मां नर्मदा शिव की पुत्री हैं। उन्होंने एक निजी पहलू साझा करते हुए बताया कि उनके स्वर्गवासी माता-पिता दोनों की अस्थियां नर्मदा नदी में विसर्जित की गई थीं। उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि इस परिक्रमा के दौरान उनके माता-पिता भी उनके साथ चल रहे हैं।
नर्मदा संरक्षण और संगठन का विस्तार
विक्रम मस्ताल ने अपनी यात्रा के धार्मिक उद्देश्य के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य को भी प्रमुख बताया। उन्होंने कहा कि जीवनदायिनी नर्मदा नदी अब कंपनियों के दूषित पानी के कारण प्रदूषित हो रही है। इस पदयात्रा का उद्देश्य ‘नर्मदा सेवा सेना’ संगठन का और विस्तार करना है, ताकि नर्मदा जी के महत्व और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
गौरतलब है कि मस्ताल ने 2023 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने चुनाव लड़ा था। अब 10 लोगों के दल के साथ उनकी यह 3300 किमी की यात्रा जारी है।