सीहोर। नगरीय निकायों में 1 नवंबर से लागू हुई फेस रिकग्निशन आधारित बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम व्यवस्था ने नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों को संकट में डाल दिया है। शासन द्वारा पारदर्शिता के लिए शुरू की गई इस नई प्रणाली के कारण निकाय कर्मचारी असमंजस में हैं, क्योंकि उन्हें ड्यूटी स्थल से दूर नपा कार्यालय आकर हाजिरी लगाने आना होगा।
नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रदेश सहित जिले की सभी निकायों में 1 नवंबर से यह नई व्यवस्था लागू कर दी है। इसके तहत कर्मचारियों को मोबाइल पर दिए गए एप (आधार फेस आरडी) के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है। जिला मुख्यालय की बात करें तो इस ऐप में नगर पालिका कार्यालय की लोकेशन फीड है। इसलिए सफाई कर्मचारी हो या ऑफिस स्टाफ सभी को सुबह 10 बजे निकाय कार्यालय आकर ही अटेंडेंस लगानी होगी।
10 किमी दूर से आना पड़ेगा हाजिरी लगाने
कर्मचारियों की सबसे बड़ी परेशानी ड्यूटी स्थल और अटेंडेंस लोकेशन में अंतर है। सीहोर नपा के कई कर्मचारी शहर से 10 किलोमीटर दूर स्थित काहिरी डेम, भगवानपुरा डेम, जमोनिया डेम, इंटकवेल और पानी की टंकियों पर ड्यूटी देते हैं। अब उन्हें सिर्फ हाजिरी लगाने के लिए इतनी दूर से नगर पालिका कार्यालय तक आना-जाना पड़ेगा, जिससे उनका समय बर्बाद होगा।
यह होना थी व्यवस्था
कर्मचारियों का कहना है कि जिस क्षेत्र के दरोगा हैं, वहीं सफाई कर्मचारियों की अटेंडेंस लगनी चाहिए और इंटकवेल, टंकियों तथा डेम क्षेत्र के कर्मचारियों की हाजिरी वहीं से लगनी चाहिए, ताकि उन्हें बेवजह 10 किलोमीटर की यात्रा न करनी पड़े।
तकनीकी और व्यवहारिक दिक्कतें
कम अटेंडेंस: सीएमओ ने बताया कि सोमवार को महज 20-25 प्रतिशत लोगों की ही अटेंडेंस लग पाई है।
तकनीकी समस्या: इंटरनेट का सर्वर डाउन होने और एप नया होने के कारण हाजिरी लगाने में 15 से 20 मिनट खर्च हो रहे हैं।
मोबाइल की कमी: कई सफाई कर्मचारियों के पास कीपैड मोबाइल हैं या कुछ के पास मोबाइल ही नहीं है, जबकि कई अशिक्षित महिला सफाई कर्मचारियों के सामने भी परेशानी होगी।
परेशानी आ रही है
सीएमओ सुधीर सिंह ने बताया कि इस नई ऐप से परेशानी हो रही है, 20.25 प्रतिशत की ही हाजिरी हो पाई है, बाकी नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि इन सभी व्यवहारिक परेशानियों से शासन को अवगत कराया जाएगा।


