365 दिवसीय ‘सुकून की रसोई’ का समापन, पंडित प्रदीप मिश्रा और हंसदास जी महाराज हुए शामिल

सीहोर। सेवा, समर्पण और मानवीयता की भावना का प्रतीक बन चुकी युवाओं की टीम ‘संडे का सुकून’ ने जिला अस्पताल में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। टीम द्वारा मरीजों के परिजनों के लिए संचालित ‘सुकून की रसोई’ का 365 दिवसीय संकल्प आज 2 नवंबर को पूर्ण हो गया। इस रसोई ने लगातार एक वर्ष तक प्रतिदिन जरूरतमंदों को नि:शुल्क और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराकर समाजसेवा की अनूठी मिसाल कायम की है।
100 दिन से शुरू हुआ कारवां, 365 दिन चला
करीब एक वर्ष पहले युवाओं की इस समर्पित टीम ने प्रारंभ में 100 दिनों के लिए यह रसोई शुरू करने का लक्ष्य रखा था। मरीजों के परिजनों को मिली बड़ी राहत और टीम सदस्यों के जबरदस्त उत्साह के कारणए इस अवधि को पहले 200 दिन और अंतत: पूरे 365 दिनों तक विस्तारित कर दिया गया। इस दौरान यह सेवा बिना किसी रुकावट के अनवरत जारी रही।
समापन समारोह में संत हुए शामिल
365 दिवसीय लक्ष्य के गौरवशाली समापन पर आयोजित समारोह में कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा और हंसदास जी महाराज विशेष रूप से शामिल हुए, जिन्होंने टीम के इस पुनीत कार्य की सराहना की और सदस्यों का उत्साह बढ़ाया।
समापन दिवस पर ‘सुकून की रसोई’ के भोजन का आयोजन रमेश गोगिया परिवार की ओर से किया गया। गोगिया परिवार द्वारा किए गए इस पुण्य कार्य के बाद उनके परिवारजनों के चेहरे पर साफ तौर पर संतुष्टि के भाव झलक रहे थे।
शहरवासियों के सहयोग से मिली सफलता
इस सेवा यात्रा की सफफलता में शहरवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। अनेक नागरिकों ने अपने परिजनों के जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ या पुण्यतिथि जैसे विशेष अवसरों पर भोजन प्रायोजित कर इस रसोई के संचालन में सहयोग किया। इसी सामूहिक सहयोग की भावना से ‘सुकून की रसोई’ पूरे वर्ष जरूरतमंदों के चेहरों पर मुस्कान लाती रही।
अल्प विराम के बाद फिर शुरू होगा कारवां
लगभग 40 युवाओं की यह समर्पित टीम, जिसमें व्यवसायी और नौकरीपेशा सदस्य शामिल हैं ने 365 दिवसीय लक्ष्य पूर्ण होने के बाद कुछ समय का अल्प विराम लेने का निर्णय लिया है। टीम के सदस्यों ने बताया कि इस अल्प विराम के उपरांत, सेवा का यह सुकून भरा कारवां नए जोश और ऊर्जा के साथ फिर से शुरू किया जाएगा, ताकि जरूरतमंदों की मदद का सिलसिला निरंतर जारी रह सके।