‘वीआईपी टैग’ के बावजूद सीहोर के भाजपाई उपेक्षित!

सीहोर। मध्य प्रदेश भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की बहुप्रतीक्षित नई कार्यकारिणी के ऐलान ने एक बार फिर सीहोर जिले के भाजपा नेताओं की उम्मीदों को तोड़ दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले होने के बावजूद नई ‘टीम हेमंत’ में सीहोर से एक भी नेता प्रदेश पदाधिकारी की मुख्य सूची में जगह नहीं बना सका।
बुधनी, सीहोर, आष्टा और इछावर जैसी चार विधानसभाओं तथा राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा का गृह जिला होने के बावजूद, सीहोर की संगठनात्मक उपेक्षा का यह सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। यह निराशा इसलिए भी गहरी है क्योंकि पिछले दो दशकों की बात करें तो संभवत: प्रदेश भाजपा की मुख्य कार्यकारिणी में सीहोर के भाजपाई शामिल नहीं हो पाए हैं और वे केवल मोर्चा या सदस्य तक ही सीमित रहे हैं।
खंडेलवाल की टीम में भी नहीं मिली जगह
प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने पदभार संभालने के मात्र 3 माह 21 दिन में अपनी नई कार्यकारिणी घोषित कर दी है। इस टीम में 16 नए चेहरों को जगह मिली और 7 महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया गया, लेकिन सीहोर से एक भी नाम शामिल नहीं हो पाया।
कब मिलेगा मौका
भाजपा की इस नई कार्यकारिणी में 9 उपाध्यक्ष और 4 महामंत्री बनाए गए हैं। कुछ उपाध्यक्ष और मंत्री के पद खाली रखे गए हैं, जिससे भविष्य में संगठनात्मक जरूरत के अनुसार नए चेहरों को मौका मिल सके, लेकिन स्थानीय कार्यकर्ताओं का सवाल है कि प्रदेश भाजपा की मुख्य कार्यकारिणी में सीहोर जिले के नेताओं को कब मौका मिलेगा।
वजनदारी पर सवाल
कार्यकर्ताओं का कहना है कि एक ओर जहां सीहोर प्रदेश के बड़े जिलों में शामिल है और तीन संसदीय सीटों (विदिशा, भोपाल, देवास) में समाहित है, वहीं दूसरी ओर लगातार प्रदेश संगठन की मेन बॉडी में जगह न मिलना जिले के राजनीतिक वजन पर सवाल खड़े करता है। टीम हेमंत में एक भी भाजपाई को काबिल न माने जाने से स्थानीय नेताओं में मायूसी का माहौल है।