सीहोर। इछावर तहसील के देवपुरा गांव में लगने वाले ऐतिहासिक बारह खंभा मेला को लेकर श्रद्धालुओं के लिए एक जरुरी सूचना है। मेला समिति ने इस बार मेले की तिथि में परिवर्तन किया है। इस साल मेला दीपावली पर्व के ठीक बाद गोवर्धन पूजा के दिन न लगकर, उसके अगले दिन यानी 22 अक्टूबर को पड़वा के अवसर पर आयोजित होगा।
मेला समिति ने बताया कि इस पुरातनकालीन देव स्थान पर करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। सुरक्षा के मद्देनजर मेला स्थल पर लगे 6 सीसीटीवी कैमरों से पूरे क्षेत्र की कड़ी निगरानी की जाएगी। पुलिस और प्रशासनिक अमला भी चप्पे-चप्पे पर मौजूद रहेगा। मेला समिति के उपाध्यक्ष भैरूसिंह के अनुसार भीड़ नियंत्रण के लिए मंदिर परिसर में बेरीकेट्स लगाए जा रहे हैं, ताकि महिला और पुरुष श्रद्धालु अलग-अलग कतारों में लगकर भगवान पशुपति नाथ के दर्शन और शिला पर दूध चढ़ा सकें। वाहनों की पार्किंग के लिए भी चार अलग-अलग जगहें तैयार की जा रही हैं।
मान्यता यह
पशुओं की निरोगी काया के लिए दूध चढ़ाने की मान्यता मेले की मुख्य मान्यता पशुओं के स्वास्थ्य से जुड़ी है। ग्रामीण मानते हैं कि यहां दूध चढ़ाने से पशु निरोगी रहते हैं। अगर कोई दूधारू पशु बीमार होता है, तो किसान बारह खंभा देव का नाम लेकर उसके गले में धागा बांधते हैं, जिससे वह ठीक हो जाता है। इसी आस्था के चलते जिले और आसपास के क्षेत्रों से किसान बड़ी संख्या में यहां दूध लेकर पहुंचते हैं। इस मेले में लाखों रुपए का कारोबार भी होता है, जहां झूले और विभिन्न दुकानें लगती हैं।


