हाई प्रोफाइल तस्करों ने वीरपुर के जंगलों में काटी चांदी!

सीहोर। जिले के इछावर स्थित वीरपुर के घने जंगलों में इन दिनों हाई प्रोफाइल तस्करों की चांदी कट रही है। इन तस्करों की नजर जंगल के उन बेशकीमती सागौन के पेड़ों पर है, जिनमें ‘गांठ’ नहीं होती। फर्नीचर और बड़े-बड़े भवनों की बारीक नक्काशी के लिए इन सागौन की लकड़ी की बाजार में ऊंची कीमत पर मांग होती है। बताया जा रहा है कि बीती रात रेहटी-चकल्दी सडक़ से महज दो किलोमीटर दूर जंगलों में तस्करों ने गुपचुप तरीके से इन कीमती सागौन के पेड़ों को काटा है, तस्करी करने की जुगत में थे, लेकिन नाकाम रहे।
वीरपुर वन क्षेत्र के लोहा पठार इलाके में जिन सागौन के पेड़ों को निशाना बनाया गया वह साधारण नहीं है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार इन सागौन के पेड़ों की मोटाई, गोलाई और साइज एक जैसी होती है और सबसे खास बात यह है कि इनमें गांठें नहीं होती हैं। गांठ रहित होने के कारण यह लकड़ी फर्नीचर बनाने या मकानों की नक्काशी के काम में बहुत सफाई से इस्तेमाल होती है, इसलिए इनकी डिमांड बड़े शहरों के बड़े ठेकेदारों और तस्करों के बीच अधिक रहती है। तस्कर पहले दिन के समय आकर इन खास पेड़ों को चिन्हित करते हैं और फिर रात के अंधेरे में अपनी कारस्तानी को अंजाम देते हैं।
तीन जिलों के बीच फंसा वीरपुर
वीरपुर वन क्षेत्र एक ऐसा संवेदनशील इलाका है जो न सिर्फ वन विभाग बल्कि वन विकास निगम के क्षेत्र में भी आता है। वीरपुर डेम का कुछ हिस्सा भोपाल जिले में कुछ रायसेन में और कुछ सीहोर जिले के इछावर क्षेत्र में पड़ता है। इसका फायदा तस्कर उठा रहे हैं, जबकि सीहोर का वन विभाग अपनी जिम्मेदारी दूसरे जिलों या वन विकास निगम पर ढोल रहा है। रेहटी-चकल्दी रोड के पास लोहा पठार से सिर्फ 2 किमी आगे तस्करों ने पेड़ काट डाले, लेकिन इछावर वन विभाग का अमला मौके पर नहीं पहुंच पाया। मामले की जानकारी मिलने पर इछावर के रेंजर वीरेंद्र बिसोरिया ने केवल इतना ही कहा कि मैं दिखवाता हूं।