सीहोर। आमतौर पर जब समस्याएं हद से बढ़ जाती हैं तो जनता अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काटती है और ज्ञापन सौंपती है, लेकिन सीहोर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी और आसपास के निवासियों ने इस बार एक ‘नया दरबार’ पकड़ लिया है। ओवरब्रिज की खतरनाक समस्या का समाधान न होता देख गुस्साए निवासियों ने अपना कलेक्टर को संबोधित ज्ञापन सीधे माता रानी के चरणों में सौंप दिया है। ज्ञापन की एक प्रति अब माता रानी के चरणों में दी। निवासियों ने निर्माणाधीन ओवरब्रिज के पास पहुंच मार्ग की दुर्दशा पर गंभीर चिंता जताई है।
मातारानी को बताई यह समस्या
रास्ता पूरी तरह बंद: कॉलोनी को शहर से जोडऩे वाला एकमात्र पहुंच मार्ग निर्माण के कारण स्थायी रूप से सीज कर दिया गया है।
वैकल्पिक मार्ग: लोक निर्माण विभाग ने जो वैकल्पिक मार्ग दिया है, वह पूरी तरह से स्तरहीन और असुरक्षित है। निवासियों का आरोप है कि यह मार्ग मानकों के अनुरूप नहीं है, जिसके कारण रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं।
बच्चों की जान को खतरा: यह इलाका शहर के बड़े स्कूलों के पास है। हजारों बच्चे रोजाना इसी खतरनाक क्रॉसिंग से गुजरते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए कोई समाधान कारक उपाय नहीं किया गया है।
कानून का उल्लंघन: लोगों का आरोप है कि विभाग भविष्य में भी एक ही दिशा से आने-जाने वाला मार्ग बनाने की योजना बना रहा है, जो मोटर यान अधिनियम 1988 के सीधे विपरीत है और दुर्घटनाओं के जोखिम को बढ़ाएगा।
15 दिन का अल्टीमेटम, नहीं तो आंदोलन
कॉलोनीवासियों ने ज्ञापन के माध्यम से अफसरों से हाथ जोडक़र निवेदन किया है कि इन गंभीर बिंदुओं पर तुरंत ध्यान दिया जाए। उन्होंने माता रानी को ज्ञापन सौंपे जाने की तारीख से 15 दिन का स्पष्ट अल्टीमेटम दिया है। निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि इस अवधि में समस्या का लिखित निराकरण नहीं होता है तो वे सडक़ पर उतरकर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।


