जिला पंजीयक प्रेमनंदन सिंह ने दी सफाई, उठे सवाल, कलेक्टर की कार्रवाई का इंतजार


सीहोर। जिला पंजीयक कार्यालय में एक निजी व्यक्ति द्वारा सरकारी काम किए जाने के आरोपों पर जिला पंजीयक प्रेम नंदन सिंह ने सफाई दी है, लेकिन उनकी इस सफाई पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं, मामले के उजागर होने के दो दिन बाद भी कलेक्टर की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
जिला पंजीयक प्रेम नंदन सिंह की और से सफाई देते हुए लिखा कि – जिला पंजीयक प्रेम नंदन सिंह ने बताया कि जिला पंजीयक कार्यालय में तीन लिपिक वर्गीय कर्मचारी कार्यरत हैं, जो अपनी लॉग इन आईडी से कार्य करते है। संपदा 2.0 पोर्टल में अधिकांश कार्य के लिये संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा बायोमेट्रिक थंब डिवाइस तथा आइरिस स्कैनर से ऑथेंटिकेट करना होता है। ऐसी स्थिति में कोई अन्य व्यक्ति संपदा 2.0 पोर्टल पर कार्य नहीं कर सकता। जिला पंजीयक श्री सिंह ने बताया कि समाचार के साथ प्रकाशित किए गए फोटो में बैठा व्यक्ति जिला पंजीयक प्रेम नंदन सिंह का ड्राइवर है, जो कार्यालय में उनका टिफिन लेकर भी आता है और उस व्यक्ति द्वारा कार्यालय का शासकीय कार्य नहीं किया जाता है।
कुर्सी पर क्यों बैठा था उक्त युवक
हालांकि उनकी यह सफाई कई लोगों के गले नहीं उतर रही है। सवाल यह है कि यदि वह व्यक्ति सिर्फ टिफिन लेकर आया था, तो वह जिला पंजीयक की कुर्सी पर क्यों बैठा था. आरोप है कि यह व्यक्ति, जिसे रवि बताया जा रहा है न सिर्फ दफ्तर में बैठता था, बल्कि वह अधिकारी की आईडी और ओटीपी का इस्तेमाल करके सरकारी काम भी कर रहा था। सर्विस प्रोवाइडरों का आरोप है कि रवि ने उनसे दलाली की मांग की थी और बात न मानने पर उनके 25 से ज्यादा लाइसेंस रद्द कर दिए थे।
कलेक्टर के आदेश, पर कार्रवाई नहीं
गंभीर मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर बालागुरु के. ने जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा था कि अगर किसी निजी व्यक्ति ने सरकारी काम किया है तो दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे सर्विस प्रोवाइडरों में नाराजगी है। वे सवाल उठा रहे हैं कि अगर जिले के सबसे बड़े प्रशासनिक दफ्तर में इस तरह का खेल चल सकता है, यह समझ से परे है।