SEHORE NEWS : सर्विस प्रोवाइडरों से वसूली करता था पंजीयक का ड्राइवर!

SEHORE NEWS : सीहोर। जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में कार्यरत ई.पंजीयन कार्यालय से गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यहां पदस्थ जिला पंजीयक प्रेम नंदन सिंह भोपाल में बैठकर मीटिंग कर रहे थे, जबकि उनकी अनुपस्थिति में उनके भतीजे और कथित ड्राइवर रवि ने दफ्तर की कुर्सी संभाल रखी थी। करीब एक माह से यह निजी व्यक्ति शासकीय आईडी और ओटीपी का उपयोग कर पूरे सिस्टम को चला रहा था। यह खुलासा होते ही जिले भर में सनसनी फैल गई।
जानकारी के अनुसार पंजीयन अधिकारी ने अपने विभागीय आईडी और पासवर्ड तक निजी व्यक्ति को उपलब्ध करा दिए थे। ड्राइवर रवि न केवल सिस्टम खोलकर काम कर रहा था, बल्कि वह सर्विस प्रोवाइडरों से दलाली की भी मांग करता था। यही नहीं जिन सर्विस प्रोवाइडरों ने उसकी मांग पूरी नहीं की, उनके 25 से अधिक लाइसेंस उसने बंद कर दिए। यह न केवल सरकारी नियमों की खुली धज्जियां उड़ाना है, बल्कि संवेदनशील डेटा के साथ भी खिलवाड़ माना जा रहा है।
वीडियो वायरल और जनता में आक्रोश
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जनता और सर्विस प्रोवाइडरों में आक्रोश फैल गया। सवाल उठने लगे हैं कि जब जिले के सबसे बड़े प्रशासनिक दफ्तर में इस तरह का खुला खेल हो सकता है तो आम लोगों के साथ कितना अन्याय हो रहा होगा। सर्विस प्रोवाइडरों ने आरोप लगाया कि जिला पंजीयक खुलेआम अपने भतीजे को संरक्षण देकर दलाली का नेटवर्क चला रहे हैं और विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।
मुरैना में भी रही संदिग्ध भूमिका
पंजीयन अधिकारी प्रेम नंदन सिंह की कार्यशैली नई नहीं है। मुरैना में पदस्थ रहते हुए भी उन पर निजी कर्मचारियों से सरकारी काम कराने के आरोप लगे थे। उस समय फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में तहसीलदार और पुलिस ने 25 से अधिक फर्जी दस्तावेज जब्त किए थे। ऐसे में अब सीहोर में सामने आया यह मामला उनकी कार्यशैली पर गहरे सवाल खड़े कर रहा है। ग्रामीणों और पक्षकारों का कहना है कि ऐसे अधिकारियों पर तत्काल कठोर कार्रवाई होना चाहिए।
सर्विस प्रोवाइडरों की शिकायत
सर्विस प्रोवाइडर दीपक वर्मा, विक्रांत सेन, विनोद सिंह सिसोदिया, मेहबूब खान, पवन सोनी, आफताब सिद्दिकी, पायल गुप्ता, अहजर सिद्दिकी और योगेश सहित कई ने खुलकर आरोप लगाए कि ड्राइवर-भतीजा खुलेआम दफ्तर चला रहा है। जो दलाली नहीं देताए उसकी फाइल रोक दी जाती है। कई महीनों से सर्विस प्रोवाइडर परेशान हैं और अब सामूहिक रूप से कलेक्टर को ज्ञापन देकर इस भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करा रहे हैं।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
मामला सामने आने के बाद कलेक्टर बालागुरु ने कहा कि यदि जिला पंजीयक कार्यालय में किसी निजी व्यक्ति ने बैठकर काम किया है तो इसकी जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।