किसान का दावा, मेरे खेत में शेर के पंजे के निशान…

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सीहोर। जिला मुख्यालय के नजदीकी ग्राम रामाखेड़ी में इन दिनों किसानों के बीच दहशत और रहस्य का माहौल है। शुक्रवार की सुबह जब किसान कपिल मेवाड़ा के खेत में गेहूं की फसल को पानी दे रहे थे, तभी उन्हें गीली मिट्टी पर विशाल पंजे के निशान दिखाई दिए। इन पंजों के आकार को देखकर किसान अनुमान लगा रहे हैं कि यह किसी बड़े शिकारी जानवर शेर के पंजे के हैं, जिसने रात के अंधेरे में खेतों का रुख किया था।
किसान कपिल ने बताया कि पंजे के निशान मिलने के बाद से ही रामाखेड़ी और आसपास के किसानों में डर का माहौल है। रात के समय अकेले खेतों में जाकर गेहूं की फसल में पानी देना किसानों के लिए अब चुनौती बन गया है। कपिल ने बताया कि किसान और समाजसेवी एमएस मेवाड़ा को तुरंत इस घटना से अवगत कराया गया। एमएएस मेवाड़ा ने बताया कि किसानों के बीच भय का वातावरण है, क्योंकि रबी की फसल में अक्सर किसान रात में ही सिंचाई के लिए खेतों पर जाते हैं।
किसानों को डर है कि कहीं रात के अंधेरे में यह शिकारी जानवर उन पर हमला न कर दे। यह पंजे शेर के हैं, तेंदुए के या किसी अन्य बड़े जानवर के वन विभाग को तुरंत इसकी पहचान करनी चाहिए।
24 घंटे बाद भी वन अमला नदारद
ग्रामीणों ने तत्काल वन विभाग को इस खतरे से अवगत कराया, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि 24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी वन विभाग का कोई भी अमला घटनास्थल पर देखने के लिए नहीं पहुंचा है। विभाग की इस लापरवाही पर ग्रामीण किसानों ने गहरी नाराजगी जताई है।
किसान व समाजसेवी एम एस मेवाड़ा ने प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इन पंजों के निशानों की फॉरेंसिक जांच हो, ताकि जानवर की सही पहचान हो सके। यदि कोई शिकारी जानवर क्षेत्र में है तो उसे जल्द से जल्द पकड़ा जाए, ताकि किसानों का भय दूर हो सके।
अपील: टार्च लेकर जाएं खेत
दहशत के इस माहौल में एमएस मेवाड़ा ने साथी किसानों से अपील की है कि वे रात्रि में खेतों में पानी देने के लिए निकलते समय अकेले न जाएं और अपनी हिफाजत के लिए मजबूत टार्च अपने साथ लेकर जाएं।