सीहोर। नवरात्री पर्व के दौरान आष्टा के खोखर माता मंदिर परिसर में मरी हुई मछली फेंककर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाडऩे की कोशिश के मामले में एक महीने बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से अब गंभीर सवाल उठने लगे हैं। आष्टा के पत्रकार कमल पांचाल ने जिला मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इस पूरे मामले की जांच एसआईटी से करवाने की मांग की है।
पत्रकार कमल पांचाल ने इस पूरे ‘मछली कांड’ में आष्टा के एक स्थानीय भाजपा नेता कालू भट्ट की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए आरोप लगाए हैं। पांचाल का दावा है कि कालू भट्ट स्वयं को प्रदेश के कद्दावर मंत्री विश्वास सारंग का करीबी बताते हैं, जिसके चलते पुलिस प्रशासन पर राजनीतिक दबाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है और असली आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।
भेरुसिंह को डराया-धमकाया
पांचाल ने प्रेस वार्ता में एक कॉल रिकॉर्डिंग का हवाला दिया, जिसमें भेरू सिंह चौहान नामक एक शख्स ने मछली कांड के आरोपियों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी थी। पत्रकार का आरोप है कि जैसे ही यह रिकॉर्डिंग वायरल हुई, भेरू सिंह चौहान को डराया-धमकाया गया। इसके बाद कथित तौर पर भाजपा नेता कालू भट्ट ने उस शख्स (भेरू सिंह चौहान) के साथ एक वीडियो अपलोड करवा दिया, जिससे पूरे मामले की दिशा ही पलट गई और जांच ठंडे बस्ते में चली गई।
एसआईटी जांच और सुरक्षा की मांग
पत्रकार कमल पांचाल ने मांग की है कि इस संवेदनशील प्रकरण की निष्पक्ष जांच एसआईटी को सौंपी जाए। उन्होंने भेरू सिंह चौहान और संदिग्ध भाजपा नेता कालू भट्ट के कॉल डिटेल निकलवाने की भी मांग की है, ताकि पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश हो सके। पांचाल ने अपनी और भेरू सिंह चौहान के परिवार की जान को खतरा बताते हुए पुलिस से तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस संबंध में जल्द ही डीजीपी को मांग पत्र सौंपेंगे।
निष्पक्ष जांच हो: कालू भट्ट
इधर हिंदू उत्सव समिति अध्यक्ष आष्टा कालू भट्ट ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है। भट्ट ने कहा खोखर माता मंदिर पर जो घटना हुई है, वह असामाजिक तत्वों का काम है। आरोप सभी निराधार हैं। मैंने स्वयं भी इस मामले की पुलिस प्रशासन से शिकायत की है और एफआईआर दर्ज कराई है। मैं भी चाहता हूं कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले।


